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Saturday, 23 April 2011

समझो मुझको ऐ मीत मेरे
तुमसे ही हैं ये गीत मेरे

जीवन के पतझड़ की बहार
तेरी आँखों से छलका प्यार
हैं बोल तेरे संगीत मेरे
तुमसे ही हैं ये गीत मेरे

झंकृत कर मन-वीणा के तार
धुन छेड़ो जिसमें प्यार-प्यार
कर दो बेसुध मनमीत मेरे
तुमसे ही हैं ये गीत मेरे

तेरा यौवन तेरी काया
काले केशों की घनी छाया
हैं अंग-अंग कमनीय तेरे
तुमसे ही हैं ये गीत मेरे

जीवनधारा, जीवनसंगिनि
जीवन नहिं जीवन तेरे बिन
मेरी हृदयेशा परिणीत मेरे
तुमसे ही हैं ये गीत मेरे

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